ओउम् ।। अश्रुपूर्ण नेत्रों से सादर श्रद्धांजलि .... आज तक देश की सेवा में लगे हुए किसी भी शहादत पाये हुए सैनिकों में एक भी ऐसा सैनिक नहीं पायेंगे जिनकी आर्थिक और राजनैतिक हैसियत बहुत ऊँची रही हो .....बिड़लै ऐसा कोई परिवार होता होगा जिसके परिवार की आर्थिक स्थिति लगभग दस-बीस लाख रूपये की होती होगी ......सामान्य परिवारों के नौजवान ही अपने दिल और दिमाग में देशभक्ति का जज़्बा पाले हुए माँ भारती के लिए जिस विषम भौगोलिक परिस्थितियों में अपनें आपको रखते हैं वह जग-जाहिर है ....देश को सुरक्षित रखनें की जिम्मेदारी तो इनको दी जाती है लेकिन इन सैनिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा इसको आज तक की कोई भी सरकारें नहीं बता सकी है......आज तक की सरकारें जो अपनें सांसदों और विधायकों की सुख सुविधाओं के लिए काफी चौकन्ना रहती है और अधिकांश अपना हक मेज़ों को थपथपाकर ही ले लेती है कभी भी क्यों नहीं ऐसे नियम और कानून बना सकी कि राजनैतिक रसूलों वाले परिवारों से भी सैनिक बार्डर पर तैनात किये जायेंगे .....उद्योगों के नाम पर सामान्यतः सभी उद्योगपतियों को सभी सरकारों ने उन पर हर संभव मेहरबानियाँ ...