स्वतंत्रता दिवस + रक्षाबंधन = बन्धनो से स्वतंत्रता की रक्षा का पर्व
आप सभी संभ्रांत प्रबुद्ध जनो को 15 अगस्त स्वंत्रता दिवस की 73 वी वर्षगांठ की व प्रेम एवं सौहार्द का प्रतीक पवित्र पर्व रक्षा बन्धन की हार्दिक शुभकामनायें .....
19 वर्षों उपरान्त ऐसा शुभ संयोग बन रहा है जब स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंधन एक साथ मनाया जा रहा है ....
यदि आप स्वतंत्रता दिवस व रक्षा बंधन की अमर गाथाओं से भलीभाँति परिचित हैं तो इस नूतन भारत के विनिर्माण में अपना अतुलनीय योगदान देने की कृपा अवश्य करें ....
देश को आजाद हुए 7 दशक से भी ज्यादा समय बीत चुका है, तमाम युवा साथियों से एक गुजारिश है ... खुद से एक सवाल कीजिए कि .......क्या हम वास्तव में आजाद हैं?क्या हम विभिन्न प्रकार के प्रदूषणो (सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक, शैक्षिक, मानसिक) से आजाद हैं ? क्या हम आज तक सामाजिक भेदभाव से आजाद हो पाए ? क्या हमारे विचार आजाद हैं? क्या हमें अभिव्यक्ति की आजादी है ? क्या हमें अपने स्वतंत्र निर्णय लेने की आजादी है ? क्या हम सामाजिक कुरीतियों, बाह्य आडम्बरों से आजाद हैं ? क्या हम भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों से आजाद हैं ?
हम आज बहन - भाई के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व को मना रहे हैं, मातृशक्तियो को आदि अनादिकाल से शक्ति का प्रतीक माना जाता है, उसके बावजूद भी उन्हें समाज में वो अधिकार प्राप्त नही है, जिसकी वो हकदार हैं.....
क्या उन्हें लिंगीय भेदभाव से आजादी मिली ?
यदि उपरोक्त सभी सवालों के जवाब नही में मिले या ना मिले तो ............
तुरंत उठ खड़े होइए और विकल्प रहित संकल्प लीजिये....
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳जब तक इस शरीर में जान है, लहू के एक - एक कतरे की सौगन्ध वीर शहीदों की शहादतो को जाया नही जाने देगें, भारत माँ व प्रत्येक भारतीय को भ्रष्टाचार,अनाचार, व्यभिचार, सांस्कृतिक दोष, चारित्रिक दोष , आर्थिक दोष , सामाजिक दोष , धार्मिक दोष इत्यादि दासताओं की बेड़ियों से आजाद कराकर ही दम लेंगे ..... जिएंगे तो देश की उन्नति के लिए, मरेंगे तो देश की उन्नति के लिए .... 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सदियों सेे बहने भाई की कलाई पर कलावा (रक्षा सूत्र) बाँधती चली आई है, भाई की सलामती की दुआ उनकी पहली मनोकामना होती है ।

ईश्वर ने हम सबको समान बनाया है, जब उसने कोई भेदभाव नही किया तो हम कौन होते हैं भेदभाव करने वाले ....?

ईश्वर ने हम सबको समान बनाया है, जब उसने कोई भेदभाव नही किया तो हम कौन होते हैं भेदभाव करने वाले ....?
अब तक मातृशक्तियों के अधिकारो का बहुत हनन हो चुका अब नही होना चाहिए .. उनमे इतनी समझ है कि वो अपना अच्छा बुरा सोच व समझ सकती हैं, फिर क्यूँ उनपर बाहरी दबाव बनाया जाता है? किस हैसियत से हम उनके अधिकारों को बेड़ियो में जकड़ देते हैं ? पिता द्वारा, भाई द्वारा, मां द्वारा, परिवार द्वारा, नाते - रिश्तेदारों द्वारा क्यों उनकी स्वतंत्रता में विघ्न उत्पन्न किया जाता है ? क्यू उन्हें प्रताडना झेलने पड़ते है ....?
हे भारत के वीर ..
आखिर कब तक ? .. हम आप अपने सम्मान के लिए, अपनी खुशी के लिए , समाज में उँची नाक के लिए अपनी बहन , बेटियों की खुशियों की आहुति देते रहेंगे .. आखिर कब तक ...?
अन्त में..
आज वक्त आ गया है कि शक्ति की देवीयों के जागने का ...जागिए और अपने हक के लिए मजबूत कदमों से आगे बढ़िए..................................धरा का प्रत्येक राष्ट्रभक्त भाई बहन की कलाई पर कलावा बाँधे और उसके निम्न हितों की रक्षा के लिए संकल्पित होवे .........................................*
सामाजिक बन्धनो से स्वतंत्रता * स्व निर्णय लेने की स्वतन्त्रता * लिंगीय भेदभाव से रक्षा * सामाजिक अराजकता से रक्षा * बेहतर भविष्य चुनने की स्वतन्त्रता .....
सभी देवियों और सज्जनों से विनम्र निवेदन है कि आज इस पवित्र पर्व पर , धर्म और मजहब से परे हटकर राष्ट्र की एकता , अखण्डता सम्प्रभुता और समरसता को बनाए रखने के लिए राष्ट्र के नाम एक रक्षा सूत्र अवश्य बांधे और देश की एकता , अखण्डता के लिए कृत संकल्पित होवे ........🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय हिन्द 🇮🇳
जय भारत 🇮🇳🇮🇳
वन्दे मातरम् 🙏💐






Bahot hi khubsurati k sath apne in lakho mahilao k sath sath AJ k yuva k vicharo ko apni lekhni k madhym se ukera hai...swatantrata aur rakshabandhan ki is swakshandata ki hardik badhai ...koti koti abhinandan
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद साहिबा जी, शब्दों व भावों की अहमियत समझने और उनपर बहुमूल्य प्रतिक्रिया देने के लिए हृदय से आभार ...ईश्वर आपको हमेशा स्वस्थ व खुशहाल रखें ..
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